श्री कृष्ण की पांच प्रिय वस्तुएँ और उनसे मिलने वाली जीवन की सीख
- बांसुरी (Flute)
- श्री कृष्ण हमेशा अपने साथ बांसुरी रखते थे।
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- बांसुरी में गांठ नहीं होती → हमें भी किसी के बुरे अनुभव को मन में न बांधना चाहिए।
- बांसुरी तब ही बजती है जब उसे बजाया जाए → हमें व्यर्थ बातों में नहीं पड़ना चाहिए।
- मधुर स्वर → हमें हमेशा मीठा और सुखद बोलना चाहिए।
- गाय और ग्वाल (Cows & Cowherds)
- गाय में सारे गुण और पंचगव्य (दूध, दही, घी, गोबर, मूत्र) हैं।
- जीवन में उदारता, भक्ति और स्वास्थ्य के लिए गाय का महत्व।
- मोर पंख (Peacock Feather)
- श्री कृष्ण अपने मुकुट में मोर पंख पहनते थे।
- मोर ब्रह्मचर्य का पालन करता है → हमें भी संयमित और पवित्र जीवन जीना चाहिए।
- कमल और वैजयंती माला (Lotus & Vaijayanti Mala)
- कमल के बीजों से बनी वैजयंती माला उनके गले में शोभित रहती है।
- कमल गंदगी में रहकर भी सुंदर और पवित्र रहता है → हमें भी गुणवान बने रहना चाहिए और अपनी पहचान न खोना चाहिए।
- माखन और मिसरी (Butter & Sugar)
- यह मिठास और प्रियता का प्रतीक है।
- जैसे मिसरी माखन में घुल जाती है, हमारा व्यवहार भी अपने आस-पास मधुर गुण फैलाए।
ये पाँच प्रिय चीज़ें केवल भोग या आनंद के लिए नहीं, बल्कि भक्तों को आध्यात्मिक शिक्षा, संयम, भक्ति और मधुर व्यवहार की सीख देती हैं।