संप्रदाय के अनुसार भक्तों को कितने राउंड की तुलसी कंठी माला पहननी चाहिए ?
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भक्तों द्वारा तुलसी की कंठी माला कितने चक्करों (rounds) में पहननी चाहिए यह पूरी तरह उनकी परंपरा (संप्रदाय / गुरु परंपरा) पर निर्भर करता है। नीचे प्रमुख वैष्णव परंपराओं के अनुसार विवरण दिया गया है:
🌼 1. ISKCON (गौड़ीय वैष्णव परंपरा):
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तीन चक्कर (3 rounds) की तुलसी कंठी माला पहनना अनिवार्य माना जाता है।
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तीन चक्र भगवान के चरण, नाभि और मुख की सेवा के प्रतीक माने जाते हैं।
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यह दीक्षित भक्तों की पहचान होती है।
🌼 2. राधा वल्लभ संप्रदाय (Vrindavan tradition):
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आमतौर पर दो चक्कर (2 rounds) या तीन चक्कर (3 rounds) की माला पहनते हैं।
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बहुत से गृहस्थ भक्त एक चक्कर की माला भी पहनते हैं।
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दीक्षित भक्त अधिक चक्कर पहनते हैं।
🌼 3. निंबार्क संप्रदाय:
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इस परंपरा में दो चक्कर (2 rounds) या तीन चक्कर (3 rounds) की माला को प्रमुखता दी जाती है।
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यह गुरु द्वारा दीक्षा के समय तय होता है।
🌼 4. रामानंदी परंपरा:
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अधिकतर एक चक्कर (1 round) की तुलसी माला पहनते हैं।
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परंतु ब्रह्मचारी या दीक्षित संत दो या तीन चक्कर भी पहन सकते हैं।
🌼 5. श्रीसंप्रदाय (रामानुजाचार्य की परंपरा):
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तुलसी की जगह शंख और चक्र चिन्ह धारण करने का प्रचलन है।
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तुलसी माला भी कुछ भक्त पहनते हैं, लेकिन यह मुख्य पहचान नहीं होती।
✅ सारांश (Summary):
संप्रदाय का नाम | माला के चक्कर (Rounds) |
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ISKCON / गौड़ीय | 3 चक्कर |
राधा वल्लभ | 2 या 3 चक्कर |
निंबार्क | 2 या 3 चक्कर |
रामानंदी | 1 या 2 चक्कर |
श्रीसंप्रदाय | वैकल्पिक / वैराग्य पर निर्भर |